तुम्हारे और मेरे बीच एक हवा जो बह रही थी,
गवाह थी-हमारे होने की,
हमारे दरमियाँ जो बात मन से हो रही थी,
गवाह थी-
करीब होने की,
बिन बोले जो तुम समझ रही थी,
बिन सुने जो मैं सुन रहा था,
गवाह थी-
दिल की बातों की,
नजरें जो चुराई जा रही थी-
गवाह थी-
तुम्हारा मेरे साथ होने की.
और तुम गवाह थी-
मेरे दिल में रहने की
Written by- Rohit Kumar Verma
"Mere Dil me rahne ki", "Hindi Poem"
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