PYAR TUM SAMAJH NA SAKE BY UMESH GAUTAM
"The Neat Poetry Cafe"January 12, 2021
PYAR TUM SAMAJH NA SAKE BY UMESH GAUTAM
प्यार जो तुम समझ न सके
चाहकर भी हम समझा न सके ,
गैरतो के भी हम हो ना सके और
उन्हें भी हम अपना कह न सके ,
बेवशी तो देखो जज्बातों की
कि दबी आवाज़ में भी झूठा इजहार भी हम कर न सके ,
और वो मोहब्बत की बात करके , उम्मीद करते है हमसे
जबकि वो उन्हीं से बाहर निकल न सके ....!!
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