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    ज़िन्दगी किसी की हमराही नहीं होती(A Post by Umesh Gautam)

     A post by Umesh Gautam


    ज़िन्दगी  किसी  की  हमराही  नहीं  होती

    मुस्कान  किसी  की  बंदिस  नहीं  होती

    होता  है  जिस्म  किसी  का  पहरेदार  पर  रूह  किसी  की  गुलाम  नहीं  होती 

    लोग  इतराते  है  झूठे  ईमान  के  लिए  पर  मौत  किसी  की  जागीर  नहीं  होती 

    अगर  सच्चे  हो  अल्फ़ाज़  तो  इन्कार  मत  करना  क्योंकि  हर  किसी  को  जिस्म  की  नुमाइश  नहीं  होती ।

    - उमेश गौतम

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